



मौसम सुहाना होने से ताजमहल पर सैलानियों की लगी भीड़
अनेक स्थानों पर पानी भरा, अनेक वाहन पानी में फंसे
बाबा न्यूज
आगरा। गर्मी से परेशान लोगों को सुबह चार चार बजे से मूसलाधार बारिश ने लोगों को गर्मी से राहत दी है। बरसात से शहर में जगह – जगह जलभराव के हालात हो गये। इससे लोगों को खासी परेशानी उठानी पड़ी। रविवार और त्योहार पर छुट्टी के बीच ताजमहल पर मुफ्त प्रवेश का फायदा उठाते हुए पर्यटकों ने मौसम का जमकर आंनद उठाया।
बकरीद की सुबह तड़के चार बजे से लगातार साढ़े तीन घण्टे तक बारिश होती रही। बारिश की वजह से गर्मी से राहत तो मिल गयी पर जगह-जगह जलभराव के चलते मुस्लिम समाज के लोगों को नमाज के लिए जाने में काफी परेशानी हुई। इस दौरान कुबार्नी करने वाले घरों में भी बारिश के कारण साफ सफाई की परेशानी हुई। सुबह सात बजे से ताजमहल को नमाज के चलते तन घण्टे तक निशुल्क कर दिया गया। पर्यटकों ने इसका पूरा फायदा उठाया और खुशनुमा मौसम का आंनद लिया। लगातार बारिश ने आगरा नगर निगम और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की पोल खोल कर रख दी है। नालों की सफाई न होने के चलते शहर के बोदला, बिचपुरी, सिकंदरा, आवास विकास,रिंग रोड, कमलानगर, बेलनगंज, देवरी रोड, बिजलीघर, ताजगंज, फतेहाबाद रोड, दयालबाग, लायर्स कालोनी, पंचकुइयां, लोहामंडी, न्यू आगरा आदि क्षेत्रों में जगह – जगह जलभराव हो गया। लोगों की गाड़ियां आधी पानी मे डूब कर चली। सूरसदन पर पानी मे बच्चे तैरते हुए दिखाई दिए। नमाज पढ़ने जाने के लिए नमाजियों को कपड़े खराब होने से बचाने के लिए खासी मशक्कत करनी पड़ी। ऐतिहासिक जामा मस्जिद, ताजमहल की शाही मस्जिद और ईदगाह पर हर बार के मुकाबले नमाज पढ़ने वालों की संख्या कम दिखाई दी।प्राचीन पृथ्वी नाथ महादेव मंदिर में एक फुट भरा पानी,जल भराव की समस्या से निजात दिलाने के लिए महंत अजय राजौरिया ने प्रशासन को कई बार अवगत कराया लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया। नालियां और नाले भरे होने के कारण मंदिर प्रांगण में एक फुट से ज्यादा पानी भर गया है। महंत ने आगरा के समाज सेवियों से भी समस्या के निदान की गुहार लगाई है।
वीकेंड के दिन बकरीद पड़ने के कारण ताजमहल पर पर्यटकों की काफी संख्या नजर आई। पर्यटकों ने छाता लेकर ताजमहल में प्रवेश किया और बारिश का पूरा आंनद उठाया। बारिश रुकने के बाद भी मौसम सुहावना रहा और लोगों ने खूब मस्ती की। इस दौरान ताजमहल पर नमाज देखने का भी पर्यटकों ने मौका नहीं छोड़ा।