



विश्वविद्यालय में कुलपति के सामने दो प्रोफेसर आपस में ही भिड़े
बाबा न्यूज़
आगरा। डॉ. बीआर अम्बेडकर विश्वविद्यालय में सब कुछ सही नहीं चल रहा है। विश्वविद्यालय में स्थाई कुलपति न होने से अराजकता का माहौल बढ़ता जा रहा है। धीरे धीरे इसकी कलाई खुलने लगी है। बीते रोज हुई बैठक में तो पराकाष्ठा की हद हद हो गई जब कुलपति के सामने एक प्रोफ़ेसर न अराजकता की परतें खोलनी शुरू की।
विश्वविद्यालय के बृहस्पति भवन में एक बैठक हो रही थी। बैठक के दौरान एक प्रोफेसर गरम हो गए। प्रोफेसर ने कुलपति से कहा कि यहां चार-चार कुलपति बने हुए हैं। किस-किस की बात मानी जाये। यही नहीं प्रोफेसर और एक अन्य प्रोफेसर के बीच में जमकर कहासुनी भी हो गई। दोनों ने मेज को पीट-पीटकर अपना गुस्सा जाहिर किया। साथी प्रोफेसरों ने दोनों को शांत किया।
सूत्रों के अनुसार बैठक के दौरान कुलपति ने प्रोफेसर वीके सारस्वत से कहा कि आइक्यूएसी में कुछ और शिक्षकों को भी सहयोग के लिए लगा रहे हैं। इस पर प्रोफेसर ने कहा कि मुझे पता है आप मुझे क्यों किनारे करने में लगे हुए हैं। यही नहीं मुझे यह भी पता है कि आप मुझे आईईटी के डायरेक्टर पद से भी हटाने वाले हैं। इस पर कुलपति ने कहा कि एक ही पद पर लंबे समय तक मैं किसी को नहीं रहने दूंगा। इस पर निदेशक ने कहा कि उनके साथ जानबूझकर राजनीति की जा रही है। वह सब समझ रहे हैं। इधर जब वे कुलपति से बात कर रहे थे तो डीन एकेडमिक प्रोफेसर संजीव कुमार ने उनसे धीरे से बात करने के लिए कहा। इस पर प्रोफेसर वीके सारस्वत ने कहा कि आप अपने नंबर मत बढ़ाइए। इस बात पर प्रोफेसर संजीव कुमार ने कहा कि मैं नंबर नहीं बढ़ा रहा हूं। इसके बाद प्रोफेसर वीके सारस्वत और प्रोफेसर संजीव कुमार के बीच में गर्मा-गर्मी हो गई। दोनों ने मेज पीट-पीटकर कर जोर-जोर से चिल्लाना शुरू कर दिया। दोनों के बीच गर्मा-गर्मी बढ़ते देखकर सभी ने उन्हें शांत कराने का प्रयास किया।
बैठक के दौरान प्रोफेसर वीके सारस्वत ने कहा था कि विश्वविद्यालय में चार-चार कुलपति बने हुए हैं। वह 4 लोग कौन-कौन हैं। इस बात की सभी जानकारी कर रहे हैं। इधर बैठक के बाद प्रोफेसर वीके सारस्वत को निदेशक पद से हटा दिया गया है, उनकी जगह प्रोफेसर मनु प्रताप सिंह को आईईटी का निदेशक बनाया गया है।
सूत्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय में अराजकता का माहौल बना हुआ है। विश्वविद्यालय में कई मामले चर्चा में बने हुए हैं। इनमें डिजिटल लाक का किराया,एजेंसी के भुगतान का मामला, अलीगढ़ मैं खुले नए विश्वविद्यालय के कागजों की फोटो स्टेट के भुगतान का मामला, विश्वविद्यालय में हो रही नियुक्तियों का मामला, विश्वविद्यालय में रखे गए सिक्योरिटी गार्ड का मसला आदि है ।
इन सभी मामलों पर समझदार लोग अपनी नजर बनाए हुए हैं अभी कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं है।