



मांगे नहीं मानी तो तीन को लखनऊ में धरना देंगे
बाबा न्यूज़
आगरा। डॉ, भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय, आगरा में फुपुक्टा एवं औटा द्वारा प्रदेश सरकार एवं विश्वविद्यालय प्रशासन से अपनी माँगों के समर्थन एक विशाल धरना प्रदर्शन किया गया। धरने में आगरा अलीगढ़ मंडल के कुल आठ ज़िलों के 39 अनुदानित महाविद्यालयों के चार सौ से अधिक शिक्षकों ने भाग लिया और अपनी माँगें रखीं । अध्यक्षता औटा अध्यक्ष डॉ ओमवीर सिंह एवं संचालन महामंत्री डॉ भूपेंद्र कुमार चिकारा ने किया।
शिक्षकों की नाराजगी सरकार के लिए अच्छी नहीं :डा, भूपेन्द्र चिकारा
शिक्षक समुदाय को सम्बोधित करते हुए औटा महासचिव डॉ, भूपेन्द्र चिकारा ने यह कहा कि यदि समय रहते प्रदेश सरकार शिक्षकों की माँगों पर निर्णय नहीं लेती है तो शिक्षक समुदाय की नाराज़गी और बढ़ेगी जो सरकार के लिए अच्छा नहीं होगा ।
भ्रामक शासनादेश निकलवा जा रहे: डॉ,बाजपेयी
प्रोफ़ेसर पदनाम की विसंगतियों की व्याख्या करते हुए राजनीति विज्ञान विभाग आगरा कॉलेज आगरा के विभागाध्यक्ष डॉ, अरुणोदय बाजपेयी ने कहा कि नौकरशाही द्वारा मंत्रियों को गुमराह कर भ्रामक शासनादेश निकलवाए जा रहे हैं । ऐसा प्रोफ़ेसर पदनाम सम्बन्धी शासनादेश में भी हुआ है जिसमें पूर्ववर्ती प्रभाव से शिक्षकों से अर्हताओं को पूर्ण करने को कहा गया है ।
पुरानीु पेंशन को चालू किया जाए: डॉ,वीरेन्द्र चौहान
पुक्टा अध्यक्ष डॉ, वीरेंद्र चौहान ने शासन की छल पूर्ण नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि शासन को यथाशीघ्र पुरानी पेंशन , प्रोफ़ेसर पदनाम शासनादेश की विसंगतियों को दूर करते हुए नए संशोधित शासनादेश जारी करते हुए संगठन की चौबीस सूत्री माँगों पर शीघ्र निर्णय लेना होगा । शिक्षक आंदोलन रत हैं और अपनी माँगों को लेकर भारी संख्या में तीन जनवरी को लखनऊ में एकत्रित होकर विधान सभा का घेराव करेंगे ।
सरकार को सबक सिखाएंगे: डॉ, ओमवीर सिंह
औटा अध्यक्ष डॉ ओमवीर सिंह ने कहा कि प्रदेश शासन और विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा शिक्षकों की माँगों को यदि गंभीरता से नहीं लिया जाता है तो आंदोलन रत शिक्षक छात्रों एवं जनता के बीच जाएँगे और सरकार एवं प्रशासन को सबक़ सिखाने का कार्य करेंगे । विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों के शिक्षक और छात्र उच्च शिक्षा व्यवस्था को पंगु किसी अवस्था में नहीं होने देंगे । वक्ताओं ने उच्च शिक्षा के निजीकरण कोरपोरेटिकरण और व्यवसायिकरण की पुरज़ोर मुख़ालिफ़त की और शासन सहित विश्वविद्यालय को चेताया कि यदि शिक्षा के लोक कल्याणकारी स्वरूप को बदला गया तो पूरा समाज इसके ख़िलाफ़ खड़ा होगा।
संवेदनशील रवैया अपनाए सरकार: डॉ, शशिकान्त
धरना प्रदर्शन कोऔटा संयुक्त सचिव शशिकांत पांडेय ने शासन को शिक्षक समुदाय की माँगों के प्रति संवेदनशील रवैया अपनाने का आग्रह किया । उन्होंने कहा कि शिक्षा पर होने वाला बजट खर्च प्रतिशत बढ़ाया जाय जिससे कि शिक्षक समुदाय को दिए जाने वाले भत्ते और अनुदान में कोई कटौती न हो ।
शिक्षक आन्दोलन में डेट रहे: डॉ, गौरव कौशिक
औटा कार्यकारिनी सदस्य डॉ, अनुराग पालीवाल ने उच्च शिक्षा और शिक्षकों की माँगों के प्रति उपेक्षा पूर्ण रवैए के प्रति क्षोभ व्यक्त किया ।
औटा कार्यकारिनी सदस्य डॉ, गौरव कौशिक ने औटा की माँगों पर विस्तार से प्रकाश डाला और शिक्षकों से अपनी माँगों के पक्ष में आंदोलनरत रहते हुए डटे रहने की अपील की ।
कुलसचिव को सौंपा ज्ञापन
धरना प्रदर्शन के अंत में विश्वविद्यालय के कुलसचिव के माध्यम से प्रदेश सरकार एवं कुलाधिपति राज्यपाल महोदया को संबोधित ज्ञापन इस अपेक्षा से सौंपा गया कि शासन द्वारा इसका यथा शीघ्र क्रियान्वयन कराया जाएगा । अन्यथा की स्थिति में शिक्षक समुदाय औटा के माध्यम से बड़े आंदोलन कराने के लिए बाध्य होगा ।
ये लोग रहे उपस्थित
धरना प्रदर्शन में प्रमुख रूप से औटा अध्यक्ष डॉ ओमवीर सिंह, महामंत्री डॉ भूपेंद्र कुमार चिकारा, फुपुकटा अध्यक्ष डॉ वीरेंद्र सिंह चौहान, डॉ शशिकांत पांडे, डॉ गौरव कौशिक, डॉ अरुणोदय बाजपेई, डॉ सीके गौतम, डॉ भूपेन्द्र सिंह, डॉ ए के सिंह, डॉ शरद चंद्र भारद्वाज, डॉ पुष्पेंद्र सिंह, डॉ अजय कुमार, डॉ संजय शर्मा, डॉ अलका सिंह, डॉ प्रशांत अग्रवाल, डॉ संजय यादव, डॉ दिगप्रताप सिंह, डॉ अमर कुमार धारीवाल, डॉ मुकेश भारद्वाज, डॉ हरीश शर्मा, डॉ दिग्विजय सिंह, डॉ अनुराधा गुप्ता, डॉ संजय जैन, डॉ निर्मला सिंह, डॉ अतीत श्रीवास्तव, डॉ निर्भय सिंह, डॉ अनुराग पालीवाल, डॉ पूनम तिवारी, डॉ अमरप्रकाश, डॉ कुलदीप सिंह, डॉ एम पी सिंह, डॉ प्रवीन कुमार शर्मा, डॉ सुनील बाबू चौधरी, डॉ बी पी मौर्य, डॉ राम अवध सिंह यादव ने भाग लिया।