



माता- पिता ने कोरियर से भेजे सम्मान को बेटे की शहादत का अपमान बता कर लौटा दिया था
अंकुर तिवारी/ बाबा न्यूज
बाह। तहसील बाह के तालपुरा केंजरा पैतृक गांव के शहीद लांस लायक गोपाल सिंह भदौरिया 2017 में कश्मीर में चार आतंकवादियों को ढेर कर शहीद हुए थे। पांच सितंबर को उनको दिए जाने वाले शौर्य चक्र सेना ने डाक से भेजा था, जिसे शहीद का अपमान बताकर माता-पिता ने वापस लौटा दिया था। खबर प्रकाशित होने के बाद नतीजे 15 जनवरी को आर्मी डे परेड में बैंगलोर में थल सेना अध्यक्ष और चक्र प्रदान करेंगे। बुलावा पत्र मिलने पर शहीद परिवार ने मुहिम छेड़ने वालों का आभार जताया है। मूल रूप से पुराताल केजरा के रहने वाले मुकीम सिंह भदौरिया जयश्री के अहमदाबाद के बापू नगर स्थित घर पर पांच सितंबर को सेना ने कोरियर से शौर्य चक्र भेजा था, जिससे शहीद के माता-पिता जय श्री मुकीम सिंह भदौरिया ने यह कहते हुए लौटा दिया था कि इस सम्मान को कोरियर से भेज कर मेरे बेटे की शहादत का अपमान किया है। समारोह पूर्वक सम्मान दिए जाने की मांग उठाई थी। चंबल के बीहड़ में खेलकूद कर बड़े हुए उनके बेटे लांस नायक गोपाल सिंह भदौरिया 2003 में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे। उसके बाद नेशनल सिक्योरिटी गार्ड एनएसजी कमांडो की ट्रेनिंग ली और 26 नवंबर 2008 को मुंबई के ताज होटल में हुए हमले के बाद गोपाल आर्मी के हीरो बन गए। ताज होटल में आतंकियों को एनएसजी कमांडो जवानों ने उसमें गोपाल सिंह भदौरिया भी थे और आतंकवादियों को ढेर किया था। इस कामयाबी पर उन्हें विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित किया गया। जम्मू कश्मीर में फरवरी 2017 में एक घर में घुसे 9 आतंकवादियों में से गोपाल सिंह भदौरिया ने चार आतंकवादियों को ढेर कर खुद देश सेवा मातृभूमि के लिए शहीद हो गए। वीरगति को प्राप्त हुए शहीद को सरकार द्वारा शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया। 2018 में वीर सपूत को शत-शत दिए जाने का निर्णय लिया गया था। उन्होंने अमदाबाद और केंजरा में शहीद स्मारक बना कर बेटी की यादों को सहेजा है। शहीद की शहादत के अपमान पर क्षेत्रीय लोगों के समारोह पूर्वक सम्मान दिए जाने की मुहिम चलाने वालों में शहीद के चचेरे भाई पवन भदौरिया, अरविंद भदौरिया,राजीव भदौरिया,संतोष भदौरिया, अनिल भदौरिया आदि लोग प्रमुख है।