



बाबा न्यूज
आगरा। आरबीएस इंजीनियरिंग कैंपस बिचपुरी में डिजाइन चिकिंग क्रिटिकल थिंकिंग एनीमेशन डिजाइन पर वर्कशॉप का आयोजन का आयोजन किया गया।
वर्कशॉप में मुख्य वक्ता के रूप में डॉक्टर बी आर अंबेडकर नेशनल इंस्टीट्यूट जालंधर पंजाब से एसोसिएट प्रोफेसर इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन विभाग डॉ. आशीष रमन के द्वारा व्याख्यान दिया, वर्कशॉप में डॉ आशीष रमन के द्वारा मूरे लॉ के स्लाइड दवारा 1972- 2018 तक इंटीग्रेटेड सर्किट के अंदर ट्रांजिस्टर के इवोल्यूशन को विस्तार से एक्सप्लेन किया। उन्होंने यह भी बताया कि हर दो साल में नंबर आॅफ कंपोनेंट डबल हो जाएंगे। इंटीग्रेटेड सर्किट को डिजाइन करने में बहुत सारे फैक्टर्स का ध्यान रखा जाता है। सर्वप्रथम उन्होंने इसी चीज को ध्यान में लेते हुए सिलिकॉन की महत्व को समझाया कि इसके अंदर इलेक्ट्रॉन की मोबिलिटी ज्यादा रहती है। सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री में सिलिकॉन की तुलना में जर्मेनियम को प्राथमिकता देते है,क्योंकि उसमें न्यूनतम विपरीत करट, अधिक तापमान पर अच्छी स्टेबिलिटी, प्रचुर मात्रा में उपलब्धता है इसलिए आज भी अधिकतर मात्रा में सिलिकॉन का प्रयोग आईसी बनाने में किया जाता है।
क्रिटिकल थिंकिंग में छात्र छात्राओं को विस्तार से समझाया कि जैसे-जैसे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज का साइज कम होता जा रहा है। उसके अंदर ट्रांजिस्टर के साइज भी कम हो रहा है जैसा कि उन्होंने बताया कि जब भी ट्रांजिस्टर साइज दो नैनोमीटर से कम होगा तो उसके अंदर शॉर्ट चैनल और क्वांटम इफेक्ट का चैलेंज फेस करना पड़ेगा।
डॉ. बीएस कुशवाह (डायरेक्टर अकेडमिक) ने छात्राओं को संबोधित करते हुए बताया इस तरह की वर्कशॉप से इंटीग्रेटेड सर्किट डिजाइनिंग में सहायता प्रदान होगी। आने वाला समय इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइसेज का है और जिस प्रकार से डिवाइसेज साइज कम होता जा रहा है। डिजाइन में बहुत सारे टेक्निकल फैक्टर्स को ध्यान रखना पड़ेगा। उद्घाटन सत्र में डॉ अशोक छोकर ने इंचार्ज इंस्टिट्यूट इनोवेशन सैल के द्वारा इनोवेशन सैल की जाने वाली गतिविधियों की विस्तृत में जानकारी प्रदान करें। इंजीनियर ठाकुर एन सिंह ने डॉ. आशीष रमन के के बारे में विस्तार से बताया, कार्यक्रम का संचालन इंजी. ठकुरेंद्र सिंह व इजी जय कुमार के द्वारा किया गया। कार्यक्रम में डॉ. बृजेश सिंह डॉ. दुष्यंत सिंह, इंजी अनुज शर्मा इंजीनियर धनंजलि एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।