



कलश यात्रा में गूंजे जय श्री राम के जयकारे, कथा में बही ज्ञान की गंगा
चिन्ताहरण मंदिर से 5100 महिलाओ ने निकाली कलश यात्रा
पहले दिन हुई महत्म्य, सूर्यवंश, चन्द्रवंश और पांडव वंशावली की कथा
बाबा न्यूज
आगरा। आकर्षक झांकियां, बैंड बाजे व ढोल शहनाई की स्वर लहरियां। पीले व लाल वस्त्र पहनी महिलाएं श्याम नाम के हीरे मोती, मैं बिखराऊ गली-गली… श्याम धणी का आया,ध्वजा उठावांगे… खाटू वाले तेरी जय हो,नीले वाले तेरी जय हो.. जैसे जैसे भजनों की धुन नाचती महिलाएं। शनिवार को कलशों को अपने सिर पर रख महिलाएं जैसे ही जयपुर हाउस स्थित चिंताहरण मंदिर से निकली तो वहां मौजूद 5 हजार से भी अधिक महिलाओं व पुरुषों ने जय श्रीश्याम के जयकारे लगाए। ये दृश्य था श्री मोरवीनंदन सेवा मंडल की ओर से कोठी मीना बाजार में शुरू हुई खाटू श्याम कथा पहले दिन सुबह कलश यात्रा का।
जयपुर हॉउस के चिंताहरण मंदिर से शुरू होकर आर्य समाज मंदिर, आगरा विकास प्राधिकरण, सेल्स टैक्स आॅफिस, टोरंट कार्यालय से होती हुई कथा स्थल ‘खाटूश्याम धाम’ बने कोठी मीना बाजार तक पहुंची। कलश यात्रा में सर्वप्रथम विघ्न विनाशक गणपति, उसके बाद झांकी के बाद खाटू नरेश के डोला, श्रीराम दरबार, शिव परिवार, राधा-कृष्ण, सालासर बालाजी सहित अंतिम रथ पर कथावाचक महामंडलेश्वर नर्मदा शंकरपुरी जी महाराज भक्तों को आशीर्वाद देते हुए चल रहे थे।
सात दिन रखा रहेगा कलश
कलश यात्रा का जगह-जगह विभिन्न श्याम मण्डलों व समितियो द्वारा पुष्प वर्षा के साथ स्वागत हुआ। सिर पर श्रीफल के साथ मंगल कलश लिए महिलाओं ने कथा स्थल पर पहुँच कर कलश को स्थापित किया। पंडित ब्रजेश भारद्वाज ने विधि-विधान के साथ कथा स्थल पर पूजन कराया और कहा कि यह कलश सात दिनों तक कथा स्थल पर रखा रहेगा। मान्यता है कि कलश रखने वाले कथा में ना भी हो, तो भी कलश से उन्हें पुण्य का फल प्राप्त होता है। कलश यात्रा को पूरी व्यवस्था महिला मंडल की सदस्यों ने संभाली।
छतो से देखा अद्भुत नजारा
कलश धारण कर जब हजारों महिलाएं मार्ग से निकली तो पूरा वातावरण भक्ति के रंग में रंग गया। जयपुर हॉउस के निवासियों ने घरो की छत से ये अद्भुत और आकर्षक नजारा अपने मोबाइल में कैद किया। शहर के तीन प्रमुख बैंड संग खाटू नरेश का स्वरूप सबको बेहद आकर्षित कर रही था।
राम सूर्यवंशी और कृष्ण है चंद्रवंशी : महामंडलेश्वर नर्मदा शंकरपुरी जी महाराज
व्यासपीठ से महामंडलेश्वर नर्मदा शंकरपुरी जी महाराज ने कथा महत्म्य के बाद सूर्यवंश एवं चंद्रवंश के राजाओं की कथाओं का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान राम नें सूर्यवंश में जन्म लिया और भगवान कृष्ण ने चन्द्रवंश में जन्म लिया। पांडव वंशावली का वर्णन करते हुए कहा कि वायुदेव से भीम तथा इन्द्र से अर्जुन की उत्पत्ति हुई। मानव जीवन भगवान की सबसे सुन्दर कृति है।
कथा में आज
रविवार को खाटूश्याम भगवत कथा में भीम विवाह, घटोत्कच और माता मोरवी प्रसंग का वर्णन किया जायेगा। इस अवसर पर अध्यक्ष राम अग्रवाल, कोषाध्यक्ष मुरारी लाल गोयल, अमित अग्रवाल, शिव सिंह बघेल, अभिषेक बरसाना, लब्बी भगत, मनीष अग्रवाल, रिनेश मित्तल, गौरव अग्रवाल, राजीव अग्रवाल, सुमन गोयल, नेहा अग्रवाल, मोहिनी अग्रवाल, छाया सिंह बघेल, सिम्पल अग्रवाल, कृति अग्रवाल, सोनम पराशर, मिनी मिश्रा, आरती रानी, उषा वर्मा, रविता शर्मा, गायत्री देवी, प्रीति अग्रवाल, रेखा कुशवाह, रेखा प्रजापति, कीर्ति पंजवानी, डोली प्रजापति आदि मौजूद रहे।