



पिल्यूड पब्लिक स्कूल में डोनेशन के महत्व पर कार्यशाला का आयोजन
बाबा न्यूज
आगरा। प्रिल्यूड पब्लिक स्कूल के इंटरेक्ट क्लब तथा ऑर्गन डोनेशन इंडिया फाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान में ऑर्गन डोनेशन के महत्व पर कार्यशाला का आयोजन प्रिल्यूड पब्लिक स्कूल में किया गया।
कार्यशाला में मुख्य अतिथि मुख्य वक्ता रोटेरियन लाल गोयल (फाउंडर और चार्टर प्रेसिडेंट रोटरी क्लब ऑफ ऑर्गन डोनेशन इंटरनेशनल, चेयरमैन- ऑर्गन डोनेशन इंडिया फाउंडेशन एंड ज्ञान), रोटेरियन रितिका गुप्ता (वाइस प्रेसिडेंट रोटरी क्लब ऑफ ऑर्गन डोनेशन इंटरनेशनल), रोटेरियन रूबी अग्रवाल (सेक्रेटरी इलेक्ट रोटरी क्लब ऑफ ऑर्गन डोनेशन इंटरनेशनल), विद्यालय के निदेशक डॉ. सुशील गुप्ता, प्राचार्य अरविंद श्रीवास्तव, के.सी. जैन (सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता व पर्यावरणविद् तथा), चाँदनी अरोड़ा (इंटरैक्ट क्लब की क्लब एडवाइजर) उपस्थित रहे।
कार्यशाला का उद्देश्य लोगों में अंगदान के बारे में जागरूकता बढ़ाना और जीवन के अनुपम उपहार के प्रति लोगों की मानसिकता को व्यापक बनाना है।
मुख्य वक्ता डॉ. लाल गोयल ने अंगदान के महत्व को बताते हुए कहा कि अंगदान एक मूल्यवान कार्य है, जिसे व्यक्ति द्वारा जीवित रहते हुए स्वयं या मृत अवस्था में उसके उत्तराधिकारियों द्वारा किया जाता है। इस तरह की प्रक्रिया से किसी व्यक्ति के अंग को डॉ. की अनुमति से या उसके मरने के बाद परिवार की सहमति से किसी अन्य व्यक्ति में प्रत्यारोपित किया जा सकता है। मस्तिष्क के मृत होने पर भी जीवित रहते हुए आम तौर पर प्रत्यारोपित किए जाने वाले अंग- फेफड़े, गुर्दे, आँतें, अग्नाशय तथा यकृत हैं। मृत्यु के बाद प्रत्यारोपित किया जाने वाला अंग हृदय है।
अंगदान से बड़ा कोई दान नहीं है। यदि यह संकल्प हर इंसान ले ले, तो कई लोगों की जिंदगी में बड़ा बदलाव लाया जा सकता है। एक व्यक्ति का अंगदान नौ लोगों को नवजीवन प्रदान कर सकता है। 18 वर्ष से ऊपर के लोग ही अंगदान कर सकते हैं। वर्तमान समय में अंगदान के लिए लोगों को जागरूक करने की परम आवश्यकता है।
लोग अंगदान करना भी चाहते हैं लेकिन उनको मार्गदर्शन नहीं मिलता इसलिए अनेक भ्रांतियों के कारण लोग अंगदान करने में आगे नहीं आते हैं। उन्होंने छात्रों एवं शिक्षकवर्ग को प्रेरित करते हुए कहा कि अपने अंगों को बर्बाद न होने दें। उन्हें जीवन बचाने के पुण्य कार्य के लिए दान दें। अंगदान के माध्यम से आप दूसरों के जीवन के रूप में चिरजीवित रहते हैं और आप अपनी मृत्यु के पश्चात अनेक वर्षों तक याद किए जाते हैं।
उन्होंने ऑर्गन डोनेशन की विभिन्न एजेंसियों नोटो, रोटो तथा सोटो के बारे में विस्तार से बताया तथा युवा शक्ति को प्रेरित करते हुए कहा कि सोशल मीडिया से प्राप्त होने वाली सूचनाओं को ज्ञान में बदलकर ही देश में सशक्त परिवर्तन किया जा सकता है। छात्रों ने ऑर्गन डोनेशन के संबंध में अपनी जिज्ञासाओं का समाधान प्रश्न पूछ कर किया।
विद्यालय के निदेशक डॉ. सुशील गुप्ता ने अपने समस्त अंगों के दान का संकल्प लिया। कार्यशाला से प्रेरित होकर अनेक छात्रों एवं विद्यालय के 20 शिक्षकों ने भी अंगदान का निर्णय लिया।
अंत में छात्रा एंजल गुप्ता के द्वारा अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया गया।