



मां की दुआएं और डा. सुरेखा की कोशिशें नहीं गईं बेकार
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर प्रसव के दौरान हुआ चमत्कार
महिला चिकित्सक ने नहीं टूटने दी मासूम जिंदगी की डोर
सुरेश बघेल( बाबा न्यूज)
एत्मादपुर (आगरा)। कोरोनाकाल में तड़पती जिंदगी को दम तोड़ते सभी ने देखा है। चंद नोटों की खातिर मानवता भुले कुछ डाक्टरों की अमानवीयता से जब-तब इस पवित्र पेशे पर सवाल खड़े हो जाते हैं। लेकिन सच्चाई यह है कि डाक्टर को धरती का भगवान यूं ही नहीं कहा जाता है। एत्मादपुर में प्रसव के बाद एक नवजात शिशु को मुंख से सांसें देकर उसके जीवन की ज्योति को बुझने से बचाने वाली महिला चिकित्सक ने इसे पूरी तरह सच साबित कर दिखाया है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर सुरक्षित प्रसव के बाद नवजात मासूम जिंदगी को बचाने की जिद्दोजहद के बीच के पल ही कुछ ऐसे थे कि पीड़ा से करा रही अर्धचेतन अवस्था में पड़ी ‘मां’ चाहकर भी अपनी आंखों को बंद नहीं होने दे रही थी। वह अपने शिशु को बचाने की हरचंद कोशिश करती डाक्टर सुरेखा की गतिविधि पर टकटकी लगाए थी। इधर महिला चिकित्सक ने भी अपनी कोशिशें जब तक जारी रखीं तब तक कि नवजात के रोने से अस्पताल के आंगन में किलकारी नहीं गूंज उठी। एक मां की दुआओं और दूसरी ‘मां’ धरती की भगवान महिला डाक्टर की कोशिशों का असर यह हुआ कि ऊपर वाले भगवान को भी अपना फैसला बदलना पड़ा।
एत्मादपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर बुर्जगंगी की विवाहिता खुशबू को प्रसव पीड़ा होने पर आशा सुशीला लेकर आईं थीं। यहां खुशबू ने सुंदर शिशु को जन्म दिया लेकिन नवजात सांस नहीं ले रही थी तभी आॅपरेशन थिएटर में प्रसव करा रहीं डॉ. सुरेखा ने मशीन से आॅक्सिजन देने का प्रयास किया। लेकिन सफलता नहीं मिली। इसके बाद उन्होंने बिना देर किए नवजात को अपने मुंह से लगाकर सांस देना शुरू कर दिया। स्टाफ द्वारा मोबाइल से बनाए गए वीडियो में डॉ. सुरेखा खून से लथपथ नवजात को मुंह से सांस देने के साथ उसके सीने पर पम्प कर रहती दिखाई दे रही हैं और आखिरकार वे एक मां की आंखों सामने नवजात कन्या को जीवन देने में सफल रहीं। शिशु किलकारी मारकर रोने लगी। नवजात की सांस लौटने पर डॉ सुरेखा के चेहरे पर कोई जंग जीतने जैसी खुशी और चमक थी तो प्रसूता की आंखों में खुशी के आंसू।
चिकित्सक का कार्य सराहनीय और वंदनीय: चेयरमैन
एत्मादपुर। नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष राकेश बघेल का कहना है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की महिला चिकित्सक डा.सुरेखा का कार्य बहुत सराहनीय और वंदनीय है। अन्य को भी उनसे सीख लेनी चाहिए।