



-ब्राह्मण या दलित कार्ड खेल सकता है संगठन और सत्ता
-मिशन-2024 के लिए बिछ रहे हैं शतरंज के मोहरे
अधर कुमार शर्मा
आगरा। भाजपा को जल्दी ही नए चेहरे के रूप में प्रदेशाध्यक्ष मिल जाएगा। संगठन मंत्री पद पर धर्मपाल सिंह की नियुक्ति के बाद प्रदेशाध्यक्ष को लेकर कयासों का दौर तेज हो गया है। शीर्ष नेतृत्व ने
नाम पर अंतिम मंथन कर रहा है। भगवाखेमे के सूत्रों का कहना है कि अगले सप्ताह तक प्रदेशाध्यक्ष पद पर नाम का ऐलान हो जाएगा।
भाजपा में नए संगठन मंत्री की नियुक्तिका ऐलान होने के बाद से प्रदेशाध्यक्ष पद को लेकर चर्चाओं का दौर तेज हो गया है। शीर्ष नेतृत्व ने सब कुछ तय कर दिया है, बस नाम का ऐलान होना बाकि है। भगवाखेमे में नए प्रदेशाध्यक्ष को लेकर अटकलों का दौर चल रहा है। संगठन प्रमुख पद से सुनील बंसल को हटाने और धर्मपाल को यूपी भेजने के बाद सूबे में भाजपा ब्राह्मण या दलित कार्ड खेल सकती है। ऐसे में कई नामों को लेकर चर्चा चल रही है। सत्ता और संगठन में तालमेल बनाए रखने के लिए पार्टी नेतृत्व का फोकस ब्राह्मण या दलित कार्ड खेलने का है। प्रदेश सरकार में बिप्र और पिछड़ा वर्ग को बड़ा स्थान देने के बाद दलितों पर दांव खेला जा कसता है। इससे एक तीर से दो निशाने लगेंगे। विधानसभा चुनाव में दलित मतदाताओं के भाजपा के पक्ष वोट करने का इनाम और लोकसभा चुनाव के लिए दलित वोट बैंक को आकर्षित करने की रणनीति होगी। ऐसे में विधान परिषद सदस्य विद्यासागर सोनकर, एमएलसी लक्ष्मण आचार्य और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ.रामशंकर कठेरिया के नाम चर्चा में है। डॉ.कठेरिया को संघ के प्रचारक और संघर्षशील रहे हैं। ऐसे में कठेरिया को संघ का आशीर्वाद मिला है।
दूसरी ओर ब्राह्मण वर्ग पर दांव खेला तो सांसद सुब्रत पाठक, पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा,पूर्व ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा और सांसद सतीश गौतम अध्यक्ष पद की रेस में हैं। इसके अतिरिक्त बीएल वर्मा का भी नाम चर्चा में बना हुआ है।
यह है बड़े दलित चेहरे
प्रदेश उपाध्यक्ष विद्यासागर सोनकर
एमएलसी लक्ष्मण आचार्य
पूर्व मंत्री डॉ. रामशंकर कठेरिया
इन पर खेला जाएगा ब्राह्मण कार्ड
सांसद सुब्रत पाठक
पूर्व सीएम डॉ. दिनेश शर्मा
पूर्व मंत्री श्रीकांत शर्मा
सांसद सतीश गौतम
* बीएल वर्मा का नाम भी है चर्चा में