



कथा वाचक श्रद्धेय एक ब्रह्म राकेश ने बतायी भागवत कथा की महिमा
बाबा न्यूज
आगरा। कपिल भगवान ने अपनी मां को भगवत भक्ति का तत्व बताते हुए कहा कि भक्ति तीन प्रकार की होती है। सात्विक, राजसी और तामसी। मनुष्य स्वयं की अपना मित्र भी है और शत्रु भी। यदि वह धर्म का पालन करते हुए सत्यपथ का अनुसरण करे तो भगवत प्राप्ति होती है। यदि वह स्वयं धर्म त्याग कर असत्य के मार्ग पर चले तो भगवत भक्ति से विमुख होकर नरक का भागी होता है।
आवास विकास कालोनी सेक्टर सात में बृज भूमि धर्मार्थ ट्रस्ट द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवतकथा में दूसरे दिन व्यास पीठ पर विराजमान श्रद्धेय एक ब्रह्म राकेश जी ने कहा कि श्रीकृष्ण के बैकुण्ठ धाम प्रस्थान पर लोगों ने प्रश्न किया गया कि आपके जाने से धरती का सौभाग्य चला जाएगा। फिर जीव का कल्याण किस प्रकार होगा। इस पर श्रीकृष्ण ने कहा कि मैं अपना सम्पूर्ण तेज श्रीमद्भागवत में स्थापित कर रहा हूं। जिस घर में यह ग्रंथ रहेगा और जो लोग इसका पाठ या श्रवम करेंगे वह साक्षात मुझे प्राप्त करेंगे। नारद जी से पूछने पर व्यास जी को बताया कि मनुष्य की सभी कामनाओं की पूर्ति के लिए पुराण हैं। लेकिन आत्म तृप्ति श्रीहरि की महिमा श्रीमद्भागवत ही कर सकती है। मुख्य रूप से राजा परिक्षित रवींद्र सिंह, कमलेश, सुरेश कंसल महामंत्री, नितिन गोयल, नामित गोयल, सुमित जिंदल, गौरव तिवारी, नेत्रपाल यादव, हर्ष राजावत, विनोद अग्रवाल, गणेश कुमार, विनय, अनिल, सुमित राणा, संगीत, कंचन, कविता, दीपिका मित्तल, नेहा, तरावती, वर्षा, अनिता, नेमिचंद्, शिवांगी आदि उपस्थित थे।