



फेयर ट्रेड फोरम इंडिया का दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन का शुभारम्भ
देश के विभिन्न प्रांतों की 47 संगठनों के पदाधिकारियों ने लिया भाग
बाबा न्यूज
आगरा। पारदर्शिता से काम करने पर हम खुद जिन्दा रहने के साथ हजारों लोगों को भी जिन्दा रख सकते हैं। यह कहना था कैबिनेट मंत्री बेबीरानी मौर्य का। वह होटल क्लार्क-शीराज में फेयर ट्रेड फोरम इंडिया के दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहीं थी। महिला को सशक्त करना है तो मार्केट की व्यवस्था भी होनी चाहिए। उन्होंने ताजमहल के स-पास महिलों द्वारा निर्मित उत्पादों की बिक्री के लिए एक हट मार्टेक बनाने का विकल्प भी दिया। महिलाएं जो बनाएं वह सही दामों बिके भी। एमएसएमई के पूर्व मंत्री चौ. उदयभान सिंह ने कहा कि हमें देश और प्रदेश को वैश्विक स्तर पर पहुंचाकर मजबूत बनाना है।
फोरम के अध्यक्ष ने बताया कि पिछले 22 वर्षों से यह फेडरेशन 104 संस्थाओं, तीन लाख से अधिक कारीगर (जिसमें 80 प्रतिशत महिलाएं हैं) के बीच कार्य कर रहा है। इस अभियान के पूर्व सदस्यों के योगदान को भी याद किया। फोरम के उपाध्यक्ष राजेश कुमार ने कहा कि भारत की सभी ज्वलन्त समस्याओं का निदान हस्तशिल्प और लघु व कुटिर उद्योग के क्षेत्र में है। चाहें व बेरोजगारी हो, शहरों की ओर पलायन, आत्मनिर्भर भारत को बनाना, सभी का निदान। नीति आयोजन के आंकड़ों के अनुसार तकरीबन 54 प्रतिशत से महिलाओं को कुटिर उद्योग व हस्तशिल्प द्वारा रोजगार मिल रहा है। संचालन अभिषेक गुप्ता ने किया। इस अवसर पर मुख्य रूप से उपाध्यक्ष राजेश कुमार, सचिव अनुराग मित्तल, कोषाध्यक्ष मून शर्मा, स्मृति केडिया, पॉल थॉमस, कमल किशोर, एससी मित्तल, जॉनी जोसफ, रणवीर सिसौदिया, निखिल दा आदि उपस्थित थे।
कार्यक्रम में देशभर की 47 संस्थाओं के पदाधिकारियों ने भाग लिया, जिसमें महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पश्मि बंगाल, रास्थान, उप्र, दिल्ली, उत्तराखंड, गुजरात, उड़ीसा, केरल जैसे विभिन्न प्रांतों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। यह संस्थाएं मुख्यत: हस्तशिल्प, महिलाएं,, किसान, कारीगर, कुटिर उद्योग से जुड़े लगभग 3 लाख से अधिक लोगों को उच्त व्यापार के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। सप्लाई चेन की पारदर्शिता, उच्त वेतन, बाल मजदूरी निषेध, लिंग भेदभाव निषेध, अच्छा कार्यस्थल, क्षमता वृद्धि, वातावरण के लिए।
प्रदेश, बाजार और लोगों को साथ मिलकर आगे बढ़ना होगा
आगरा। अजमेर विवि के डीन प्रो. जगदीश जाधव ने प्रो. शर्मा मैमोरियल व्याख्यान में बताया कि देश में आर्थिक विषमता, पर्यावरण असंतुलन, बेरोजगारी जैसी कई चुनौतिया हैं। अभी तक हमारे फोरम द्वारा बेहतर प्रयास किए गए हैं, लेकिन इन चुनौतियों से अकेला नहीं लड़ा जा सकता। प्रदेश, बाजार और शहरवासियों को मिलकर काम करना होगा। सिविल सोसायटी और शिक्षाविदों के सम्मलित प्रयास का आवश्यकता है।
आज के कार्यक्रम
11 नवम्बर को अधिवेशन प्रारम्भ होगा, जिसमें उपाध्यक्ष राजेश कुमार के संचालन में महिला सशक्तिकरण पर पैनल डिसकशन, हस्तकला उद्योग में सरकारी प्रयास व योजनाएं पर चर्चा, प्रिया कृष्ण मूर्ति (पत्रकार) द्वारा सांस्कृतिक अर्थव्यवस्था व राष्ट्रीय रणनीति पर व्याख्यान देंगी। हथकरघा क्षेत्र को सशक्त करने के लिए सरकारी योजनाओं पर चर्चा होगी। शाम 6 बजे अधिवेशन का समापन होगा जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में उप्र के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक, विशिष्ठ अतिथि राकेश सचान व पूर्व मंत्री चौ. उदयभान सिंह होंगे।