



मातृशक्ति महा समन्वय सम्मेलन में लव जिहाद और मोबाइल का मुद्दा छाया रहा
बाबा न्यूज
आगरा । मातृशक्ति महा समन्वय सम्मेलन में लव जिहाद और मोबाइल का मुद्दा छाया रहा। वक्ताओं ने आज की परिवार व्यवस्था पर भी सवाल उठा दिए। साथ ही संदेश दिया कि अगर हमारी मातृ शक्ति नहीं जागी तो हमारी संस्कृति खतरे में पड़ जाएगी। उसके दुष्परिणाम सबके सामने होंगे।
आविदगढ़ पीली पोखर में हुए कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता महामंडलेश्वर योगिनी गुरु माँ राधा सरस्वती महाराज ने कहा कि प्रवचनों से कुछ नहीं होता। प्रवचनों,शास्त्रों व वेदों का हर एक श्रेष्ठ इतिहास का उद्देश्य समाज मे परिवर्तन समाज में परिवर्तन जब होता है जब मन परिवर्तित होता है मन परिवर्तित जब होता है जब ह्रदय परिवर्तित होता है ह्रदय परिवर्तित जब होता है जब ह्रदय द्रवित होता है। हृदय द्रवित जब होता है, जिसके जीवन में वाणी में कर्म में शास्त्र समाया हो। ऐसे संत पुरुष की वाणी से ही हृदय द्रवित होता है।
हमारे भारत समाज मे वही पूजे जाते हैं जिनकी कथनी करनी, रहनी, साहनी सब एक हो। नही तो पाखंडी जेल में हैं। भारत को नरक भी नारी बनाती है, स्वर्ग भी वही बनाती है। नारी का समाज मे, दुनिया मे परिवार में उसका सम्पूर्ण योगदान है, मगर उनकी वेदना कोई नही समझता।
छल और बल के साथ किया जा रहा है लव जिहाद
कार्यक्रम के दौरान साध्वी पुष्पा शकुंतला देवी ने महिलाओं को लव जिहाद के बारे में बताया। कहा कि लव जिहाद छल और बल के साथ किया जा रहा है। फेसबुक पर भोली लड़कियों को विधर्मी लोग फंसा रहे हैं। वे हाथों में कलावा बांधकर और हिंदू नाम रख कर लड़कियों से दोस्ती करते हैं। इसके बाद राधा कृष्ण और शिव पार्वती जैसा प्रेम करने की बात कह कर उनका भरोसा जीतते हैं। जब लड़की उनकी बातें फंस जाती है तो वह धर्मांतरण करा कर शादी करते हैं। फिर अपने मजहब में कई शादियां होने की बात कहकर उन्हें बेच देते हैं। उन्होंने कहा कि यह सब मोबाइल संस्कृति की वजह से हो रहा है। अगर किसी भी बालिका को कोई समस्या है, कोई उसे परेशान करता है या उसे कोई दोस्ती की बात करता है तो वह अपने परिवार की महिलाओं को बताएं ताकि समस्या का समाधान हो। और हमारी बेटियां सुरक्षित रहें।
रामचरितमानस ने पेश की है परिवार व्यवस्था
कथा व्यास पूजा कीर्ति किशोरी ने कहा कि आज परिवार में विखंडन हो रहा है जोकि हमारे देश के लिए संस्कृति के लिए, समाज के लिए हानिकारक है। परिवारों में एकता जरूरी है। नहीं तो हमारी उन्नति नहीं होगी। मातृशक्ति को अब जागना होगा। अपनी संस्कृति को बचाना होगा। आगे उन्होंने कहा कि अपनी बच्चियों को मोबाइल न दें। इसका दुष्प्रभाव यह हो रहा है कि अच्छी बात तो हम नहीं सीख रहे लेकिन दिमाग में इससे जहर भरता जा रहा है। अब समय है कि अपनी बेटियों को हम पुरानी परंपराएं सिखाएं। वीरांगनाओं के बारे में बताएं। उन्हें भगवती देवी, गीता देवी जैसे चरित्रों की कहानियां सुनाएं ताकि बेटियां देश का नाम रोशन करें। उन्होंने कहा कि विदेशों में परिवार की कोई व्यवस्था नहीं है। इसलिए वहां परिवार विखंडित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारे धर्म ग्रंथ वेद पुराण यह सब परिवार व्यवस्था को सिखाते हैं।