



बाबा न्यूज
नई दिल्ली। प्राइवेट नौकरी करने वाले कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले हो गई है। प्राइवेट कर्मचारयों की लीव एनकेशमेंट टैक्स की लिमिट को बढ़ा दिया गया है। अब कर्मचारियों को 25 लाख रुपये तक लीव एनकेशमेंट पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा। पहले यह लिमिट तीन लाख रुपये थी। इससे प्राइवेट नौकरी करने वाले कर्मचारियों को खासा लाभ मिलेगा। वित्त मंत्रालय की ओर से इसकी जानकारी दी गई है।
बजट 2023 के प्रस्ताव के अनुरूप, वित्त मंत्रालय ने 24 मई, 2023 की एक अधिसूचना के माध्यम से आयकर से छूट प्राप्त अर्न्ड लीव के नकदीकरण की बढ़ी हुई सीमा को अधिसूचित किया है। यह 1 अप्रैल, 2023 से लागू होगा। हर कंपनी और सरकार अपने कर्मचारियों को तीन तरह की छुट्टियां देती हैं। इसमें मेडिकल लीव, कैजुअल लीव और पेड या अरन्ड लीव शामिल होती हैं। पेड लीव ऐसी छुट्टियां होती हैं, जिन्हें बाद में कैश कराया जा सकता है। इसे नौकरी छोड़ने या रिटायर होने पर ही कैश कराया जा सकता है। प्राइवेट कंपनियां कैश करने वाली लीव की संख्या सीमित रखती हैं, जबकि सरकारी नौकरी के मामले में यह संख्या काफी ज्यादा होती है।
लीव एनकेशमेंट टैक्स लिमिट बढ़ने से कर्मचारियों को काफी फायदा मिलेगा। अभी तक लीव एनकेशमेंट कराने पर प्राइवेट कर्मचारियों को तीन लाख रुपये तक पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ता है। लेकिन इससे ज्यादा रुपयों पर प्राइवेट कर्मचारियों को टैक्स देना पड़ जाता है। अब इस लिमिट को बढ़ा दिया गया है। यह लिमिट बढ़ाकर अब 25 लाख रुपये कर दी गई है। ऐसे में कर्मचारियों को 25 लाख रुपये तक की लीव एनकेशमेंट पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने निजी कर्मचारियों को बड़ी राहत दी थी। वित्त मंत्री ने लीव एनकैशमेंट में टैक्स छूट की सीमा तीन लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये किया था। यह बढ़ी हुई लिमिट एक अप्रैल से 2023 से लागू होगी। लीव एनकैशमेंट पर टैक्स छूट की सीमा आखिरी बार साल 2002 में की गई थी, जब मूल वेतन की सीमा 30 हजार रुपये प्रतिमाह थी।