



बाबा न्यूज
नयी दिल्ली।अक्टूबर में खुदरा महंगाई में कमी आने के बावजूद खाद्य पदार्थों की कीमतों को लेकर चुनौती बनी हुई है। इसका कारण है कि खाद्य महंगाई में मामूली गिरावट ही दर्ज की गई है। अक्टूबर में यह 6.61 फीसद रही, जबकि सितंबर में यह 6.62 फीसद थी। अक्टूबर में प्रमुख खाद्य उत्पादों में बढ़ोतरी देखने को मिली है। आर्थिक विशेषज्ञों ने भी नवंबर और दिसंबर में प्रमुख महंगाई दर में उछाल आने के आसार व्यक्त किए हैं।
सोमवार को जारी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़ों के मुताबिक, दाल, फल, अंडे, चीनी की कीमतों में इजाफा देखने को मिला। हालांकि, सब्जियों के दाम कम हुए। हालांकि, अक्टूबर के आखिर तक आते-आते सब्जियों की कीमतों में तेजी देखी गई। खासकर प्याज की कीमतों लगातार तेजी आई।
हाल ही में मिंट के एक सर्वे में देश के प्रमुख अर्थशास्त्रियों ने भी सब्जियों की कीमतों में बढ़ोतरी की आशंका जताई है। उनका कहना है कि यदि ऐसा होता है तो खुदरा महंगाई को लेकर उनके पूर्वानुमान पर जोखिम पैदा हो सकता है।
अर्थशास्त्री राहुल बाजोरिया ने कहा कि खुदरा महंगाई अक्टूबर में धीमी हो गई है, लेकिन यह राहत फौरी तौर पर रह सकती है। क्योंकि प्याज की कीमतें चढ़ रही हैं। खराब न होने वाले खाद्य पदार्थों की कीमतों पर भी दबाव भी बना हुआ है। इसके चलते नवंबर और दिसंबर में मुख्य महंगाई दर में कुछ इजाफा भी देखने को मिल सकता है।