



आगरा आकाशवाणी पर शरद काव्य-गोष्ठी में बही रसधार
बाबा न्यूज
आगरा। सर्द मौसम और नववर्ष के उपलक्ष्य में आकाशवाणी आगरा केंद्र पर शरद काव्य- गोष्ठी का आयोजन किया गया।
जाने माने कवि डॉ. अजय अटल (कासगंज) ने अपनी इन पंक्तियों से सबको भाव-विभोर कर दिया कई बार जीता हूँ कई बार हारा हूँ। तुमने ही फटकारा तुमने पुचकारा हूँ। जाने क्यों हो गया है धरती से प्यार मुझे। वैसे तो मैं झिलमिल गगन का सितारा हूँ..। उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा निराला पुरस्कार से सम्मानित कवि-गीतकार कुमार ललित ने नए साल पर कवि मन की शुभकामना को कुछ इस तरह व्यक्त किया इस पार से उस पार तक आती रहे, जाती रहे। बुलबुल हमारी अब तराने प्रेम के गाती रहे..
सुप्रसिद्ध युवा कवि प्रवीन पांडे (फिरोजाबाद) ने अपने मधुर गीत से सब का दिल छू लिया लो रीत गया जीवन घट से यह एक और मधुरिम बसंत, सुप्रसिद्ध कवि राजकुमार भरत (एटा) ने अपनी भावनाएँ कुछ इस तरह व्यक्त कीं- ” अपने सब पतझड़ दे कर के, मधुमास हमारे लेलो तुम। बन जाओ नभ तल की मालिक, ये स्वांस हमारे लेलो तुम।
कार्यक्रम संयोजक आकाशवाणी आगरा केंद्र के कार्यक्रम प्रमुख अनेन्द्र सिंह ने सभी कवियों का स्वागत किया। इच्छुक काव्य-प्रेमी प्रसार भारती के न्यूज आॅन एयर ऐप पर मोबाइल से ही इन रस भीनी कविताओं का आनंद ले सकते हैं।