



मंगल कलश यात्रा के साथ प्रारम्भ हुई श्रीमद भागवत कथा
बाबा न्यूज
आगरा। कुष्ठ आश्रम शिल्पग्राम रोड़ ताजनगरी में मंगल कलश यात्रा प्रारंभ हुई। मंगल कलश यात्रा शिव मंदिर से प्रारंभ होकर शिल्पग्राम देवी मंदिर का भ्रमण करते हुए कलश भरकर कथा मंच पर आकर समाप्त हुई। मंगल कलश यात्रा के मध्य में घरों की छतों से पुष्प वर्षा की।
श्रीमद्भागवत महापुराण कथा के प्रथम दिन वृन्दावन की कथा व्यास पूज्या पं गरिमा किशोरी ने श्रीमद्भागवत कथा की महत्ता पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि बिनु परतीती होई नहीं प्रीति अर्थात माहात्म्य ज्ञान के बिना प्रेम चिरंजीव नहीं होता, अस्थायी हो जाता है। धुंधकारी चरित्र पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आत्मसात कर लें तो जीवन से सारी उलझने समाप्त हो जाएगी। द्रौपदी, कुन्ती महाभागवत नारी है। कुन्ती स्तुति को विस्तारपूर्वक समझाते हुए परीक्षित जन्म एंव शुकदेव आगमन की कथा सुनाई। पश्चात गौकर्ण की कथा सुनाई गई भगवान के चरणों में जितना समय बीत जाए उतना अच्छा है। इस संसार में एक-एक पल बहुत कीमती है। जो बीत गया सो बीत गया। इसलिए जीवन को व्यर्थ में बर्बाद नहीं करना चाहिए। भगवान द्वारा प्रदान किए गए जीवन को भगवान के साथ और भगवान के सत्संग में ही व्यतीत करना चाहिए।
इस पावन मौके पर परीक्षित चंद्रशेखर एवं राधिका, मुख्य यजमान पवन एवं साधना अग्रवाल, शयम चांदनी भोजवानी, सुमन भारद्वाज, धर्मेंद्र आर्य,डॉ सुमन शर्मा, भीष्म लालवानी,शिवम रितिका अग्रवाल, सुनैना देवी, अंजना, शोभा, राधिका, सोनी, पुष्प लता, कान्ता , प्रेमी, कल्पना, शान्ति, धर्मशिला, संजू, जोशना, गौरी, सुप्रभा, सारथी, मिठू, रूचि, अंजलि, प्रतिमा, सावित्री, सुधा, उमा, ममता, मंजू, रेशनी, यशोदा, गायत्री, बुद्धनी आदि महिला पुरुष उपस्थित रहे।