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स्टाफ क्लब के सचिव विजय सिंह ने कहा कि यह शिक्षकों की जीत है
बाबा न्यूज
आगरा। आगरा कॉलेज के पूर्व प्राचार्य अनुराग शुक्ला की याचिका को उच्च न्यायालय के जस्टिस सौरभ श्याम शमशेरी ने खारिज कर दिया। हाईकोर्ट के फैसले पर आगरा कॉलेज के स्टॉफ क्लब के सदस्यों ने हर्ष व्यक्त किया। इसके साथ ही इसे क्लब के संघर्ष की जीत बताते हुए कॉलेज को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया गया।
कॉलेज स्टॉफ क्लब के सचिव प्रो. विजय कुमार सिंह के अनुसार पूर्व प्राचार्य डॉ. अनुराग शुक्ला के उत्तर प्रदेश शासन द्वारा अभ्यर्थन निरस्त करने संबंधी याचिका उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने निरस्त कर दी है। कॉलेज शिक्षकों का उत्पीड़न डॉ. अनुराग शुक्ला द्वारा किया गया। इसके विरोध में शिक्षक संघ मई-जून की भीषण गर्मी में शिक्षक 27 दिन तक लगातार धरने पर बैठे रहे। शिक्षकों एवं सिविल सोसाइटी की मांग पर जांच कमेटी गठित की गई। इसमें डॉ. अनुराग शुक्ला के शोध संबंधी प्रपत्र फर्जी पाए गए। इस पर शासन द्वारा अपने स्तर से भी जांच कराई गई। इसके आधार पर शासन द्वारा अनुराग शुक्ला के प्रपत्र फर्जी पाए जाने पर उनका अभ्यर्थन निरस्त कर दिया गया। कॉलेज के ट्रस्टी सुभाष ढल द्वारा भी अनुराग शुक्ला के खिलाफ न्यायालय के माध्यम से प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। इस पर पुलिस जांच जारी है। अभ्यर्थन निरस्त होने के खिलाफ अनुराग शुक्ला ने उच्च न्यायालय में रिट दयार की। उच्च न्यायालय ने सभी रिट को एक जगह क्लब करके उस पर अपना अंतिम निर्णय सुना दिया। डॉ. अनुराग शुक्ला उच्च न्यायालय इलाहाबाद में भी इन शोध संबंधित पत्रों को साबित करने में सफल नहीं हो सके। कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया है। प्रो. विजय कुमार सिंह ने कहा कि डॉ. अनुराग शुक्ला का अभ्यर्थन निरस्त होना शिक्षकों के संघर्ष की जीत है। डॉ. शुक्ला के कार्यकाल में हुए अवैध कार्यों की जांच भी की जानी चाहिए।