



फर्जी दस्तावेज बनाकर ओमान का हाई कमिश्नर बना लिया था
बाबा न्यूज
आगरा। आगरा कॉलेज के पूर्व प्रोफेसर और कृष्णा कॉलेज ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के मालिक केएस राणा को गाजियाबाद की थाना कौशाम्बी पुलिस ने अरेस्ट किया है। केएस राणा ने खुद को ओमान देश का हाई कमिश्नर फर्जी दस्तावेज के जरिए बना लिया था और अधिकारियों एवं लोगों के साथ धोखाधड़ी कर वीआईपी प्रोटोकॉल ले रहे थे। वर्तमान में वह इंडिया जीसीसी ट्रेड काउंसिल नाम की एनजीओ से जुड़ा हुए थे, लेकिन वह खुद को जीसीसी यानी गल्फ कंट्री काउंसिल से बताकर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की आंख में धूल झोंक रहु थे। आरोपी का पर्सनल सेक्रेट्री प्रोटोकॉल पत्र जारी करता था। पुलिस ने इसके पास से 01 आईडी कार्ड, 42 विजिटिंग कार्ड, 01 लाल नीली बत्ती, 01 प्लेट नम्बर HR 26 CN 0088 व 01 नीलेरंग की प्लेट नम्बर 88 CD 01 लगी हुई काले रंग की मर्सिडीज कार बरामद की है। आरोपी के खिलाफ धारा 319 (2),318 (4), 336(3) बीएनएस में अभियोग पंजीकृत कराया गया है।
सही पहचान छुपा कर ले रहे थे वीआईपी प्रोटोकॉल
जांच में थाना कौशाम्बी पुलिस टीम के सामने आया कि केएस राणा फर्जी दस्तावेज बनाकर लोक सेवक (ओमान देश के हाई कमिश्नर) का प्रतिरूपण कर अधिकारियों एवं लोगों के साथ धोखाधड़ी करना पाया गया। पूछताछ के दौरान यह तथ्य प्रकाश में आये कि गिरफ्तार अभियुक्त कृष्ण शेखर राणा पुत्र नरन्द्र सिंह राणा खुद को ओमान देश का हाई कमिश्नर बताकर ओमान देश की एम्बेसी के फर्जी दस्तावेज बनाकर जनपद गाजियाबाद, मथुरा, फरीदाबाद आदि में वीआईपी प्रोटोकॉल प्राप्त करने के उद्देश्य व लोगो के साथ धोखाधड़ी करने हेतु इस्तेमाल करते है। अभियुक्त ने बताया कि ओमान देश का नर्ई कमिश्रर बताने से मुझे वीआईपी सुरक्षा एवं सुविधायें आर से मिल जाती है।
फर्जी तरह से अपनी कार में लगाई नीली नंबर प्लेट
केएस राणा ने बताया कि उसने अपनी प्राइवेट कार पर विदेशी राजनायकों के लिए प्रयोग में लायी जाने वाली नीली नम्बर प्लेट को फर्जी तैयार कर अपनी कार पर आगेव पीछे लगा ली और साथ ही कार के ऊपर लाल व नीली बत्ती, कार के आगेव पीछे के शीशे पर ओमान देश का फ्लैग स्टीकर, कार के अगले शीशे पर व्ल्ड हयूमन राइट प्रोटेक्शन कमीशन का लाल रंग का स्टीकर भी लगाया है। मैंने व मेरे निजी सचिव देव कुमार ने लोगों को फर्जी तरीके से ओमान देश के हाई कमिश्नर का पद बताना शुरु किया।अभियुक्त उपरोक्त के द्वारा स्वीकार किया गया कि वह ओमान देश के हाई कमिश्नर के पद पर नियुक्त नहीं है। वह केवल गलत तरीके से सुरक्षा व प्रोटोकॉल प्राप्त करने के उदे्य से ऐसा कूटरचित जाली दस्तावेज तैयार कर जहाँ भी वीआईपी सुरक्षा एवं सुविधा चाहिए होती थी, उस जिले के जिलाधिकारी को भेजता था।
आगरा कॉलेज में पूर्व प्रोफेसर रह चुके है केएस राणा
अभियुक्त कृष्ण शेखर राणा पुत्र नरे्द्र सिंह राणा मूल रुप से आगरा का निवासी है तथा वर्तमान में 13, नेशनल पार्क रोड, लाजपत नगर 4 थाना अमर कॉलोनी, दिल्ली के निवासी है।केएस राणा वर्ष 1982 2015 तक आगरा यूनिवर्सिटी, आगरा (उप्र) में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत रहे। अभियुक्त का आगरा में कृष्णा कॉलेज ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी नाम का एक कालेज तथा राजस्थान में एक र्जोट भी है। अभियुक्त द्वारा वर्ष 2015 में आगरा में प्रोफेसर के पद से रिटायर होने के पश्चाम वर्ष 2015 – 2018 तक पर्यावरण मंत्रालय में अप्रेजल अथोरिटी में काम किया गया। वर्ष 2018-2020 तक कुमांऊ यूनिवर्सिटी, नैनीताल (उत्तराखण्ड), वर्ष 2020 – 2021 तक अल्मोड़ा रेजिडेन्सियल यूनिवर्सिटी (उत्तराखण्ड), वर्ष 2021- 2022 तक मेवाड़ यूनिवर्सिटी (राजस्थान) तथा वर्ष 2022 – 2024 तक जयपुर टेक्निकल यूनिवर्सिटी (जयपुर) में वाइस चांसलर के रूप में कार्यरत रहे।
जीसीसी एनजीओ का मेंबन बन गये
अभियुक्त कृष्ण शेखर राणा पुत्र नरे्द्र सिंह राणा वर्ष 2024 में INDIA GCC TRADE COUNCIL नामक एनजीओ, जिसका काम भारत का गल्फ देशों में व्यापार बढ़ाना है, का मेम्बर बन गये तथा बाद में उक्त एनजीओ का एनजीओं का ओमान देश से व्यापार बढ़ाने के लिए ट्रेड कमिश्नर बन गये और इसी का फायदा उठाकर वह खुद को ओमान देश का हाई कमिश्नर बताकर फायदा उठाने लगे। अभियुक्त द्वारा अपनी निजी गाड़ी रजिस्ट्रेशन संख्या HR 26 CN0088 का नंबर प्लेट बदलकर डिप्लोमेट्स द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली नीली रंग की नं. प्लेट जिसका नं० 88 CD 01 लगाकर इस्तेमाल कर रहे थे।
प्रोटोकॉल के लिए जिलाधिकारी गाजियाबाद को भेजा था फर्जी लेटर
अभियुक्त कृष्ण शेखर राणा पुत्र नरे्द्र सिंह राणा द्वारा खुद को ओमान देश का हाई कमिश्नर बताकर वीआईपी प्रोटोकॉल प्राप्त करने हेतु ओमान देश की एम्बेसी का एक फर्जी लेटर जिलाधिकारी गाजियाबाद के लिये भेजा गया। अभियुक्त द्वारा पूर्व में भी खुद को ओमान देश का हाई कमिश्नर बताकर मथुरा (उप्र), फरीदाबाद (हरियाणा) में वीआईपी प्रोटोकॉल प्राप्त किया। फरवरी 2025 में दिल्ली के एक होटल में आयोजित एक कार्यक्रम में अभियुक्त द्वारा खुद को ओमान देश का हाई कमिश्नर बताकर चीफ गेस्ट के रूप में सम्मिलित रहे थे। अभियुक्त द्वारा ऐसा कई सार्वजनिक कार्यक्रमों में भी खुद को ओमान देश का हाई कमिश्नर बताकर वीआईपी प्रोटोकॉल प्राप्त कर गलत इस्तेमाल किया गया है।